"दर्द भरी ये रातें, तन्हाई की बातें,
खो गए हम खुद को, बिना किसी वजह के।
आँखों में छुपी ये गहराईयों की बर्बादी,
दिल की गहराइयों में छुपी ये तन्हाई की दर्दियाँ।"
"दर्द भरी ये रातें, तन्हाई की बातें,
खो गए हम खुद को, बिना किसी वजह के।
आँखों में छुपी ये गहराईयों की बर्बादी,
दिल की गहराइयों में छुपी ये तन्हाई की दर्दियाँ।"मेरे दिल के शांत कोनों में, दुःख की परछाइयाँ बसती हैं, समय की गूँज में खोया हुआ, एक घायल दिल छिपा होता है। आंसुओं से भरी रातों में, मैं अकेला चलता हूं, अंधेरे में सांत्वना ढूंढता हूं, मेरा दर्द मेरा ही रहता है।
दुःख की रात की गहराई में, एक लड़के का दिल अपनी लड़ाई लड़ता है, आँसू अदृश्य होते हैं, लेकिन दर्द गहरा होता है, एक मूक दर्द, भावनाएँ वे बरकरार रखते हैं।
जिन छायाओं में मैं रहता हूँ, दिल के दर्द की कहानी मुझे अवश्य बतानी चाहिए। अकेलेपन की खाई में खो गया, मेरा टूटा हुआ दिल कोई आनंद नहीं पाता।
मेरे दिल के शांत कोनों में, दुःख की परछाइयाँ बसती हैं, समय की गूँज में खोया हुआ, एक घायल दिल छिपा होता है। आंसुओं से भरी रातों में, मैं अकेला चलता हूं, अंधेरे में सांत्वना ढूंढता हूं, मेरा दर्द मेरा ही रहता है।
दुःख की रात की गहराई में, एक लड़के का दिल अपनी लड़ाई लड़ता है, आँसू अदृश्य होते हैं, लेकिन दर्द गहरा होता है, एक मूक दर्द, भावनाएँ वे बरकरार रखते हैं।
जिन छायाओं में मैं रहता हूँ, दिल के दर्द की कहानी मुझे अवश्य बतानी चाहिए। अकेलेपन की खाई में खो गया, मेरा टूटा हुआ दिल कोई आनंद नहीं पाता।
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